जल: जीवन का अमृत दीर्घा
हमारी पृथ्वी अद्वितीय है क्योंकि यह ब्रह्मांड में एकमात्र ज्ञात स्थान है जहां पानी एक तरल के रूप में मौजूद है। इस प्रकार अपनी सभी विविधता में जीवन को वृद्धीगत होने के लिए यह सक्षम करती है। जब मानव आबादी कम थी, प्रुथ्वी पर उसका प्रभाव छोटा था और इसके जल निकाय भी प्रबंधनीय थे। लेकिन पिछली सदी में, इस का ऐसा विस्फोट हुआ कि पीने योग्य पानी की मात्रा और गुणवत्ता दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पडा। मानव प्रभाव के परिणामस्वरूप विशाल शहरों और कस्बों का विकास हुआ है जो हमारी नदियों को कचरे की बढ़ती निकासी से प्रदूषित करते हैं और हमारे जल प्रणालियों को खतरे में डालते हैं और हम इस बहुमूल्य संसाधन को बर्बाद करते आये हैं।
पानी – जीवन का अमृत इस दीर्घा मे प्रस्तुत प्रादर्श आगंतुकों – विशेष रूप से बच्चों के बीच इस दुर्लभ और जीवन के महत्वपूर्ण स्रोत के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से बनाये गये है।
इस प्रदर्शनी मे पानी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है। जैसे हमारे ग्रह पर कितना पानी उपलब्ध है और इसका कितना प्रतिशत पीने योग्य है और पृथ्वी पर उपलब्ध पानी किस रूप में है, जल चक्र, विभिन्न महाद्वीपों पर पानी, लोगों के शरीर में पानी की मात्रा, जल संरक्षण, जल शोधन संयंत्र, जल के गुण, सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाए और हमारी नदियों पर उनके प्रभाव आदि जैसे अन्य मुद्दों को भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया है । प्रदर्शनी मे पानी पर एक कंप्यूटर प्रश्नोत्तरी है साथ मे एक प्रतिज्ञा पत्र है जिसमे पानी के संरक्षण और हमारी भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस अद्वितीय जीवन सहायक स्रोत की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता है जिसका पठन कर आगंतुक कर सकते है।
जल कुशल उपकरणों पर आधारित प्रदर्श आगंतुक को यह समझने में मदद करता है कि हम जल संरक्षण के साथ–साथ बुद्धिमान योजना, प्रबंधन और संरक्षण उपकरणों का उपयोग करके पानी की बर्बादी को कैसे रोक सकते हैं। पानी की बचत ही उसका उत्पादन है।