
हमारे बारे में
रामन विज्ञान केंद्र, नागपुर, कोलकाता स्थित राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (National Council of Science Museums – NCSM) की एक घटक इकाई है, जो भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
इस केंद्र की स्थापना वर्ष 1989 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य विज्ञान को आम जनता और विशेष रूप से विद्यार्थियों के बीच लोकप्रिय बनाना है। यह केंद्र विशेष रूप से विदर्भ क्षेत्र के लिए विज्ञान संचार और शिक्षा का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है।
स्थापना का उद्देश्य:
- विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करना।
- बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच और तर्कशक्ति को बढ़ावा देना।
- प्रदर्शनों, कार्यशालाओं, व्याख्यानों और विज्ञान मेले के ज़रिए विज्ञान की शिक्षा को अनुभवात्मक बनाना।
सी.वी. रमन से संबंध: इस केंद्र का नामकरण भारत के पहले भौतिकी में नोबेल पुरस्कार विजेता, सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (C. V. Raman) के नाम पर किया गया है।
सर रमन का नागपुर शहर से एक विशेष संबंध** था — वे अपने करियर की शुरुआती अवधि में **ऑडिटर जनरल के कार्यालय** में नागपुर में कार्यरत थे। यहीं पर रहते हुए उन्होंने विज्ञान में रुचि ली और आगे चलकर अपनी महान खोजों की ओर कदम बढ़ाया।
उनकी प्रसिद्ध खोज “रमन प्रभाव”(Raman Effect) ने उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार दिलाया और भारत को विश्व विज्ञान मानचित्र पर प्रतिष्ठा दिलाई।
रामन विज्ञान केंद्र की विशेषताएं:
- इंटरएक्टिव विज्ञान गैलरीज़ (जहाँ विज्ञान को छूकर, समझकर सीखा जा सकता है)
- 3D शो और तारामंडल (Planetarium)
- साइंस पार्क- जिसमें खुले में वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित मॉडल होते हैं
- विज्ञान कार्यशालाएँ, प्रदर्शनी और मेले
- विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रतियोगिताएँ और प्रोजेक्ट्स.